कोरोना
अगर यह मेरी मा होती अाँचल में छिपाकर, लोहोरी सुनाती भुखे रहकर पी, रोटी खिलाती अगर अब्बा होते सर पे एक मजवुत छत होता अगर मेरा भाइ होता, मै चट्टानी पाहाडो से टक्कर लेता अगर यह महबुवा होती अपने गरम काख मे लेकर, एक लम्मा चुम्मा देती मगर यह करोना है, करूणा नही न यह रोना देता, न हस्ना देता ।
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